DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI...

दोष देना कितना आसान होता है...


BY AMIT ANANT

दोष देना सबकी,आदत सी हो गयी।
रोज देना सबकी,चाहत सी हो गयी।
अपनी गलतियों थोपते है दूसरो पर,
थोप देना सबकी,राहत सी हो गयी।।

   DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI...दोष देना कितना आसान होता है। कोई अच्छा काम हो जाये तो अपने आप को गर्व महसूस करते है।और कोई बुरा काम हो जाये, तो सामने वाले को दोष देते है।या फिर ईश्वर को दोष देते है या ,किस्मत को दोष देते है। मतलब, यह ऐसा माहौल बन गया गया है इंसानी फितरत में, की कुछ पुछो मत। बस अच्छा होता रहे तो अच्छा ही अच्छा है और गलती से भी बुरा हो जाये तो,केवल दोष देना है अपने गलती को भी नही समझना एवं सुधरना चाहते है।
   DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI...आज कल के समय में सब लोगो का सारे कार्य अच्छा ही होना चाहिए कुछ गलत नही होना चाहिए। मतलब सब को केवल सुख की ही अपेक्षा रहती है।दुख लेना और समझना नही चाहते है। जो कि बिना दुख के अनुभूति से सुख का स्वाद नही मिलेगा, फिर भी सब को केवल सुख की जरूरत होती है। जरा सोचिए कि गर दुःख आकर आप को परेशान नही करेगा, तो कैसे अपने आप को समझ पाओगे और कैसे अपने आप को सुधार पाओगे।
   DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI...आज कल के समय मे पढ़ लिख के लोग कामयाब हो गए तो, अच्छा है। और किसी कारण बस नही कामयाब हुए, तो किसी न किसी पे दोष मड़ देते ,कि ऐसा नही हुआ इस लिए कामयाब नही हुए,उस collge में नही पढ़ा इस लिए कामयाबी नही मिली ,घरवालों ने कोचिंग नही कराई इस लिए कामयाबी नही मिली।मतलब, कुल मिला कर किसी ना किसी पर अपनी गलतियों को थोपना ही है। आज कल ऐसे ही स्थिति बन गयी है।
   DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI...आज कल तो, कोई सरकार पर दोष देता है,कोई संस्कार पर दोष देता है,कोई संसार पर दोष देता है,कोई माँ-बाप को दोष देता है,कोई अपने-आप को दोष देता है,कोई परिवार को दोष देता है,कोई व्यवहार को दोष देता है,कोई समाज को दोष देता है और कोई आवाज पर दोष देता है। दोष देना एक आदत सी बन गयी है।जो कि बिलकुल गलत बात है।यह हमारे समाज के लिए बहुत बड़ी दुर्भाग्य की बात है।
   DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI...आज कल किसी को भी दोष देना कितना आसान हो गया है ,परन्तु हम सभी को इस आदत को ,स्वभाव को बदलना जरूरी है।बिना वजह किसी को दोष देना उचित नही होता है।और अगर हम ऐसे ही अपने गलतियों को एक दूसरे पर थोपते रहेंगे तो अपनी कमियों को कभी पहचान नही पाएंगे।इस लिए हमारी सभी से विनम्र निवेदन है कि सदैव अपने कमियों को पहचानो और सुधार करो ताकि एक अच्छे जीवन का निर्माण हो सके। और जाने अनजाने में हमारे शब्दो के माध्यम से किसी को भी पीड़ा हुई हो तो कृपया क्षमा करें।

धन्यवाद
@Amit anant
          Delhi

Comments

  1. वाह वाह...सही सुन्दर बातें लिखे है आप...हकीकत में ऐसे ही तो होता है अपने गलती को दूसरे के ऊपर लगा देते है...😢😢

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